जिंदगी हर मोड़ पर
करती रही हमको इशारे
जिन्हें हमने नहीं देखा ।
क्योंकि हम बाँधे हुए थे
पट्टियाँ संस्कार की और...
हमने बाँधने से पूर्व देखा था-
हमारी पट्टियाँ रंगीन थीं
जिंदगी करती रही नीरव इशारे :
हम छली थे शब्द के ।
'शब्द ईश्वर है...
इसी में वह रहस्य है।...
शब्द अपने आप में इति है ...?