विश्वास का धागा कहते किसे है
यह मैं तुमको बुलाता हूं
चंद रेशम के धागों का
अटूट विश्वास तुम्हें बतलाता हूं
गंगाजल से पवित्र रिश्ता
जिसे रक्षा बंधन हैं कहते
हैं अटूट विश्वास राखी के बंधन में
वह विश्वास तुम्हें दिखलाता हूं
बांध लिया करती है मेरी बहना
कभी इस बंधन में मुझको
लाड़ दुलार देखकर अमृत सा प्यार देती है मुझको
हे अटूट रिश्ता ये
हैं अटूट बंधन ये
तोड़ सका ना कोई इसे
ये वो राखी का बंधन है
रक्षा का कवर चढ़ा कर
मुझको बांदा रिश्तों के धागों में
मिला बहन का आशीर्वाद मुझे
हुवा भाई होने का एहसास मुझे
रेशम की डोर बांधकर रक्षा का विश्वास दिलाया
करूंगा हर पल रक्षा बहना की ऐसा वचन दिलाया ।
मां बेटे का रिश्ता जैसे
बहन भाई का रिश्ता है
कभी खट्टा लगता है तो कभी मीठा हो जाता है
भाई बहन का प्यार लड़ाई में तब्दील हो जाता है
कभी-कभी झगड़ों में
युद्ध का माहौल हो जाता है
लाख कोशिश करने के बाद भी
मुझे अपनी बहन का प्यार याद आता है
यही वो पावन रिश्ता है जो
दूर रह कर भी निभाया जाता है